July 6, 2012

ऐसे कैसे चलेगा??? - अश्वनी

सीप सा जीवन
मोती चोरी लेकिन

हथेली बरक़रार

लकीरें गायब लेकिन

दिल प्रस्तुत

धड़कन शांत लेकिन

आंखें खुली
दृष्टि धुंधली
मगर

कदम कायम
राह अदृश्य किन्तु

सांस
सुरक्षित
साहस समाप्त परन्तु

जीवन जारी
जान जमींदोज पर

ऐसे कैसे चलेगा यार ???

8 comments:

  1. वाकई ऐसे कैसे चलेगा..........
    u must learn to write.......
    u must stop confusing ur resders......
    :-)

    anu

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  2. कोई और लिखता तो यूँ लिखता...
    मोती चोरी लेकिन
    सीप सा जीवन

    लकीरें गायब लेकिन
    हथेली बरक़रार या हथेली बरक़रार
    लेकिन लकीरें गायब...

    :-)
    but you are different.......so keep up your style.

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  3. अश्विनी . लाजवाब. अभिव्यक्ति तो कोई आप से सीखें ....सरल शैली में कितनी कठिन व्यथा को आपने रख दिया....!!

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