July 2, 2012
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देखा पानी लगी प्यास... ऐसा ही है मेरा ब्लॉग की दुनिया में आना। देखा-देखी। दूर-दूर तक कोई इरादा नहीं था, पर अब जब सभी लोग कर रहे हैं तो सोचा हाथ आज़माया जाए। पर इतना तय है कि अब आ गया हूं तो कुछ अच्छा करके ही जाऊंगा।
कहानी में दम हो तो गाव तकिया क्या गद्दा भी नहीं दबा सकता....
ReplyDeleteनहीं????
अश्विनी....अजीब.
ReplyDeleteAjeeb??kaise??
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