April 24, 2012

आप क्या कहते हैं? - अश्वनी

जागने सोने कि हद जब मिटने लगे 
तो 
सोया सोया जागूं 
और 
जागा जागा सोऊँ

मुझे अच्छा लगता है
होने और ना होने के बीचे होना 
मुझे अच्छा नहीं लगता है
होने और ना होने के बीचे होना

मुझे नफरत है 
होने और ना होने के बीच होने से
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता 
होने और ना होने के बीचे होने से

एक ही स्थिति एक इंसान को 
कई तरह से प्रभावित करती है
जब तक जीवन है  
ये चरण लगे ही रहते हैं 
आप क्या कहते हैं ? 

3 comments:

  1. you are confused!!!!!!!!!!!!!

    and don't try to confuse us too...
    :)

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  2. AJEEB HI MANHA SITHITI HAE

    KHUDA KHER KARE

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  3. सही लिखा है आपने-

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